कोरोना से लड़ाई में भी घुसा राजनीति का “वायरस”
कोरोना से लड़ाई तो पूरा देश लड़ रहा है, सरकार भी लड़ रही है। लेकिन अब इस लड़ाई के साथ एक और लड़ाई भी शुरु हो गई है। केंद्र और राज्य की सरकारों की लड़ाई। सारे नेता और पार्टियां कह रही हैं कि कोरोना पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। लेकिन अब इस पर जमके राजनीति हो रही है। लॉकडाउन की घोषणा या मियाद बढ़ाने की बात पर राहुल गाँधी ने लॉकडाउन को पॉज बटन के तौर पर समझाते हुए कहा कि भारत में कोरोना को लेकर टेस्टिंग कम हो रही है। राहुल गांधी की राय में लॉकडाउन छोड़ कर टेस्टिंग पर जोर देना चाहिये क्योंकि तभी कोरोना वायरस को शिकस्त दी जा सकती है।राहुल गांधी के सवाल उठाने पर ICMR के वरिष्ठ वैज्ञानिक रमन आर। गंगाखेड़कर ने कुछ आंकड़ों के साथ स्थिति को स्पष्ट करने की कोशिश की है। रमन गंगाखेड़कर का कहना है कि आबादी के आधार पर टेस्टिंग की पैमाइश ठीक नहीं है। रमन गंगाखेड़कर बताते हैं - देश में 24 नमूनों की जांच में एक व्यक्ति में संक्रमण की पुष्टि हो रही है, जबकि जापान में 11।7, इटली में 6।7, अमेरिका में 5।3, ब्रिटेन में 3।4 सैंपल टेस्ट करने पर पर एक व्यक्ति पॉजीटिव निकल रहा है। भारत में प्रति संक्रमित व्यक्ति पर ज्यादा टेस्ट हो रहे हैं। गंगाखेड़कर कह रहे हैं कि अमेरिका, इटली, ब्रिटेन और जापान जैसे देशों की तुलना में भारत में कोरोना मरीजों की पहचान के लिये न सिर्फ टेस्ट ज्यादा हो रहे हैं, बल्कि वे तार्किक और विवेकपूर्ण तरीके से किये जा रहे हैं।
1 मई को केंद्र सरकार ने जैसे ही यानी श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने का फैसला किया । जिनके जरिए अलग राज्यों में फंसे मजदूरों, छात्रों और तीर्थयात्रियों को उनके अपने राज्य में पहुचांया जा रहा है। लेकिन कांग्रेस और उसके नेता केंद्र सरकार को कोसने में जुट गए कि गरीब मजदूरों के किराया लिया जा रहा है । कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कह दिया कि मजदूरों के रेल किराए का खर्च कांग्रेस उठाएगी। लेकिन केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया कि श्रमिक स्पेशल ट्रेन के लिए रेलवे किसी भी पैसेंजर से कोई पैसा नहीं ले रहा है। इन ट्रेनों के आने-जाने पर जितना खर्च हो रहा है उसका 85 प्रतिशत खर्च रेलवे ही उठा रहा है। बाकी का 15 प्रतिशत हिस्सा रेलवे उन राज्य सरकारों से ले रहा है जहां से ट्रेन चल रही हैं।और राज्यों ने खुद केंद्र सरकार से अनुरोध किया था कि मजदूरों को उनके राज्यों में ले जाने के लिए स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएं। इसके बाद ही केंद्र सरकार ने स्पेशल ट्रेन चलाने का फैसला किया था। जिसमें करीब 15 राज्यों में 45 स्पेशल ट्रेन चल रही हैं। उधर राहुल गाँधी ने ग्रीन ,ऑरेंज और रेड जॉन को लेकर भी केंद्र सरकार पर सवाल उठाये ।जबकि उनका ये तर्क कांग्रेस शाषित राज्यों को भी नहीं समझ आया पर कांग्रेस नेतृत्व को ये बात मालूम होगी है कि लॉकडाउन की वजह से कहीं आने जाने या धरना-प्रदर्शन जैसी राजनीतिक गतिविधियों पर पाबंदी लगी हुई है।इसलिए कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी (Coronavirus Pandemic) में भी राहुल गांधी वैसे ही सवाल उठा रहे हैं जैसे सीएए या धारा 370 को लेकर करते रहे - जरूरी नहीं कि राजनीति दृष्टि से ये सब गलती ही माना जाये। वैसे भी मोहब्बत और जंग की तरह सियासत में भी ज्यादातर चीजें जायज ही ठहरायी जाती रही हैं।
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